यह कहानी है नोआह और एले की, जिनका प्यार समय, हालात और मुश्किलों के बावजूद कभी खत्म नहीं हुआ। एक छोटे से शहर में ग्रीष्मकाल की छुट्टियों में नोआह और एले की मुलाकात होती है। नोआह एक गरीब लड़का था, जो खेतों में काम करता था, जबकि एले एक अमीर परिवार की लड़की थी। पहले ही मुलाकात में दोनों के बीच एक आकर्षण उत्पन्न होता है, और जल्द ही यह आकर्षण एक गहरे प्यार में बदल जाता है। उनका प्यार इतना सच्चा और मासूम था कि वे एक-दूसरे के साथ हर पल बिताना चाहते थे।
लेकिन एले के माता-पिता इस रिश्ते को मंजूरी नहीं देते क्योंकि वे चाहते थे कि एले की शादी एक अमीर लड़के से हो। एले और नोआह को मजबूरी में अलग होना पड़ा। दोनों के रास्ते अलग हो गए, लेकिन उनका प्यार कभी खत्म नहीं हुआ। एले ने एक और लड़के से शादी की और नोआह ने अपना सपना पूरा करने के लिए एक छोटा सा घर बनवाया, जिसे वह हमेशा एले के लिए सजाने का ख्वाब देखता था।
कई सालों बाद, एले की शादी में समस्याएँ आ जाती हैं और वह अपने पुराने प्यार नोआह से मिलने के लिए लौट आती है। जब दोनों मिलते हैं, तो उनका प्यार फिर से जाग उठता है, और वे एक-दूसरे से फिर से जुड़ जाते हैं। हालांकि, एले के जीवन में अब कई समस्याएं आ चुकी होती हैं, लेकिन दोनों का प्यार हर मुश्किल से मजबूत होता है।
फिर एक दुखद मोड़ आता है, जब एले को अल्जाइमर नामक बीमारी हो जाती है, जिससे वह अपनी याददाश्त खोने लगती है। लेकिन नोआह, जो अब तक अपनी पूरी ज़िन्दगी एले के लिए समर्पित कर चुका है, कभी हार नहीं मानता। वह एले का ख्याल रखता है, उसे बार-बार अपनी और एले की पुरानी प्रेम कहानी सुनाता है, ताकि वह उसे पहचान सके और उनका प्यार फिर से जिन्दा हो सके।
आखिरकार, एक दिन दोनों अपने पुराने घर में एक साथ शांतिपूर्वक सो जाते हैं, यह दिखाते हुए कि सच्चा प्यार समय की सीमाओं से परे होता है। उनका प्यार, समर्पण और बलिदान ने यह सिद्ध कर दिया कि जब दिल से प्यार किया जाता है, तो वह कभी खत्म नहीं होता। उनके प्यार की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चा प्यार ना सिर्फ खुशी, बल्कि हर मुश्किल और परेशानी में भी एक-दूसरे के साथ खड़ा रहने का नाम है।