एक छोटे से शहर में एक युवक, आदित्य, रहता था। वह एक किताबों का दीवाना था और हमेशा किसी नई खोज में था। एक दिन, उसे एक पुरानी किताब मिली, जो एक मिस्ट्री से भरी थी। किताब के पहले पन्ने पर लिखा था, “जो भी इसे पढ़ेगा, उसे अपनी सच्ची प्रेमिका का पता चलेगा, लेकिन उसे खो भी देगा।”
आदित्य को यह बहुत अजीब लगा, लेकिन उसकी उत्सुकता ने उसे किताब को पढ़ने के लिए मजबूर कर दिया। जैसे-जैसे वह किताब पढ़ता गया, उसकी कहानी में एक लड़की, सिया, का जिक्र आता गया। सिया की कहानी में ऐसे मोड़ थे जो आदित्य के जीवन से मिलते-जुलते थे। जैसे ही आदित्य ने किताब के आखिरी पन्ने तक पहुँचा, एक अजीब घटना घटी। वह अचानक एक अन्य दुनिया में पहुंच गया, जहां सिया उसकी सच्ची प्रेमिका बनी।
वह दोनों एक दूसरे के करीब आए, लेकिन धीरे-धीरे आदित्य को समझ में आया कि वह एक जाल में फंस चुका है। उसे हर पल इस दुनिया से बाहर आने का रास्ता ढूंढने की कोशिश करनी पड़ी, क्योंकि समय वहां बिल्कुल अलग था। वह जानता था कि अगर उसने सिया से प्यार किया तो वह उसकी असली दुनिया को छोड़कर सिया के साथ इस नई दुनिया में कैद हो जाएगा।
आखिरकार, आदित्य ने एक कठिन निर्णय लिया। उसने सिया से मिलकर कहा, “मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं, लेकिन मुझे अपनी असली दुनिया में वापस जाना है। अगर मैं तुम्हारे साथ रहता हूं, तो मैं उस दुनिया से कभी बाहर नहीं निकल पाऊंगा।”
सिया ने उसे समझाया, “अगर तुम्हें अपनी दुनिया में वापस जाना है, तो मुझे भी उस दुनिया से मुक्त करना होगा, क्योंकि मैं भी यहां फंसी हूं।”
यह एक विचित्र और खौ़फनाक प्रेम कहानी थी, जहां आदित्य और सिया ने अपने प्यार की बलि दी, ताकि वे दोनों अपनी असली दुनिया में वापस लौट सकें।