बिहार की राजनीति हमेशा से देशभर में चर्चा का विषय रही है। ऐतिहासिक रूप से यह राज्य सामाजिक न्याय, जातीय राजनीति और लोकतांत्रिक परंपराओं का केंद्र रहा है। यहाँ के राजनीतिक दल, नेता, और गठबंधन न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करते हैं।
1. बिहार की राजनीतिक यात्रा: स्वतंत्रता संग्राम से अब तक
- स्वतंत्रता संग्राम के समय:
- बिहार ने स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई।
- स्वराज पार्टी, कांग्रेस और अन्य दलों का उदय यहीं से हुआ।
- पहला मुख्यमंत्री:
- डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (श्री बाबू) ने बिहार को आधुनिक दिशा दी।
- 1970 का दशक:
- जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन ने राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित किया।
- वर्तमान राजनीति:
- गठबंधन सरकार, जातीय समीकरण, और विकास बनाम राजनीति का मुद्दा प्रमुख हैं।
2. बिहार में जातीय राजनीति का प्रभाव
- पृष्ठभूमि:
- बिहार में जातीय समीकरण चुनाव जीतने में अहम भूमिका निभाते हैं।
- मुख्य जातीय आधार वाले दल:
- राष्ट्रीय जनता दल (राजद): यादव और मुस्लिम वोट बैंक।
- जनता दल यूनाइटेड (जदयू): कुर्मी, कोइरी और अति पिछड़ा वर्ग।
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा): उच्च जातियों और कुछ पिछड़ी जातियों का समर्थन।
- लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा): दलित और पासवान समाज।
3. नीतीश कुमार और बिहार मॉडल
- सुशासन बाबू:
- नीतीश कुमार को उनके शासन के दौरान “सुशासन बाबू” कहा गया।
- शराबबंदी, महिलाओं को 50% आरक्षण, और ग्रामीण सड़कों का विकास उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ रहीं।
- चुनौतियाँ:
- भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और शिक्षा-स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति में सुधार की जरूरत।
4. लालू प्रसाद यादव और सामाजिक न्याय की राजनीति
- सामाजिक न्याय का एजेंडा:
- लालू प्रसाद यादव ने पिछड़े वर्गों और दलितों को राजनीति में सशक्त बनाया।
- उनकी उपलब्धियाँ:
- रेलवे में सुधार के दौरान उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
- आलोचना:
- कानून-व्यवस्था और विकास के मोर्चे पर उनकी सरकार की आलोचना हुई।
5. बिहार में महिला नेतृत्व का उभरता चेहरा
- महिलाओं के लिए आरक्षण:
- पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण ने नेतृत्व में बदलाव लाया।
- मुख्य महिला नेता:
- राबड़ी देवी: बिहार की पहली महिला मुख्यमंत्री।
- चंदा यादव और अनामिका सिंह जैसे कई महिला सरपंच राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहीं।
6. युवाओं की राजनीति में भागीदारी
- नई पीढ़ी के नेता:
- तेजस्वी यादव (राजद), चिराग पासवान (लोजपा), और अन्य युवा नेता।
- युवाओं के मुद्दे:
- रोजगार, शिक्षा और तकनीकी विकास पर ध्यान।
7. बिहार में गठबंधन राजनीति का महत्व
- राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:
- महागठबंधन और एनडीए के बीच का संघर्ष हमेशा से चर्चा में रहा है।
- गठबंधन का महत्व:
- जातीय और क्षेत्रीय वोट बैंक को साधने में गठबंधन प्रमुख भूमिका निभाता है।
- 2024 के चुनाव:
- नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक बार फिर चर्चा में है।
8. राजनीतिक मुद्दे: विकास बनाम जातीय समीकरण
- विकास के दावे:
- सड़कों का निर्माण, बिजली और हर घर नल योजना।
- चुनौती:
- जातीय समीकरण विकास के मुद्दों पर हावी होते हैं।
9. बिहार में विपक्ष की भूमिका
- विपक्ष का मुद्दा:
- बेरोजगारी, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, और पलायन।
- आंदोलन:
- हाल ही में बेरोजगारी के खिलाफ विपक्ष के प्रदर्शन ने जनता का ध्यान खींचा।
10. बिहार की राजनीति का भविष्य
- तकनीकी प्रभाव:
- डिजिटल प्रचार और सोशल मीडिया का बढ़ता प्रभाव।
- युवाओं की भूमिका:
- नई पीढ़ी अब जातीय राजनीति से अधिक विकास और रोजगार पर ध्यान दे रही है।
- चुनौती:
- भ्रष्टाचार, गरीबी और पलायन को रोकना।