बिहार का इतिहास एक समृद्ध और विविधताओं से भरा हुआ है, जहाँ पर कई महान सम्राटों, ऋषियों, और स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बिहार की भूमि ने न केवल प्राचीन सभ्यताओं को जन्म दिया, बल्कि इसके महाकाव्य, युद्ध, और सांस्कृतिक धरोहर ने भारत के इतिहास को आकार दिया। आइए जानते हैं बिहार के ऐतिहासिक सफर को, जिसमें प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक प्रमुख बदलावों पर एक नजर डालते हैं।
1. प्राचीन काल (5000-1500 ईसा पूर्व)
- मुख्य बदलाव:
- प्राचीन बिहार की सभ्यता, विशेष रूप से सिंधु घाटी सभ्यता के कुछ अवशेष यहाँ पाए गए हैं।
- बिहार में वेदिक काल में ऋषियों और मुनियों का वास था, जिनमें प्रमुख थे ऋषि गौतम, ऋषि याज्ञवल्क्य
- राजगीर और बोधगया जैसे स्थल प्राचीन समय के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र थे।
2. वैदिक काल (1500-500 ईसा पूर्व)
- मुख्य बदलाव:
- वैदिक काल में बिहार की भूमि ने जैनेन्द्र और बुद्ध जैसे महान धर्मगुरुओं को जन्म दिया, जिन्होंने पूरे विश्व को शांति और अहिंसा का संदेश दिया।
- बोधगया में भगवान बुद्ध का ज्ञान प्राप्ति और निर्वाण स्थल था, जो आज भी लाखों श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करता है।
3. मौर्य और गुप्त काल (321 ईसा पूर्व – 550 ईस्वी)
- मुख्य बदलाव:
- सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने मौर्य साम्राज्य की नींव रखी और सम्राट अशोक ने धर्मचक्र का प्रसार किया। बिहार की धरती पर ही नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी, जो दुनिया के सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक था।
- गुप्त काल में बिहार ने विज्ञान, गणित, और कला में उल्लेखनीय योगदान दिया।
4. राजवंशों का दौर (500-1200 ईस्वी)
- मुख्य बदलाव:
- बिहार के क्षेत्र में हर्षवर्धन और पाल साम्राज्य के सम्राटों ने शासन किया। पाल वंश के सम्राट धर्मपाल और राज्यपाल ने शिक्षा, कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपूर्व योगदान दिया।
- इस समय नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रमुख केंद्र बने।
- राजा करण (कर्ण) की भी चर्चा होती है, जिन्होंने बिहार के क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार किया और कई युद्धों में वीरता दिखाई।
5. मध्यकालीन बिहार (1200-1500 ईस्वी)
- मुख्य बदलाव:
- मुस्लिम आक्रमणकारियों के दौर में बिहार में दिल्ली सल्तनत और बाद में मुगल साम्राज्य का शासन हुआ।
- बिहार के शासकों ने इस समय कला और स्थापत्य के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किए, जैसे कि पटना के किलों और मस्जिदों का निर्माण।
- Sultan Sher Shah Suri ने बिहार के प्रशासन में कई सुधार किए, जैसे कि सड़क नेटवर्क का निर्माण और मियाद के हिसाब से कर प्रणाली।
6. स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक काल (1757-1947 ईस्वी)
- मुख्य बदलाव:
- 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में बिहार ने प्रमुख भूमिका निभाई थी, और यहाँ के लोगों ने अंग्रेजों के खिलाफ कई बार विद्रोह किया।
- श्री कृष्ण सिंह (सी. बी. कृष्णा), जिन्हें “बिहार के शेर” के नाम से भी जाना जाता है, ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई। वह बिहार के पहले मुख्यमंत्री बने और उन्होंने राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए कई कदम उठाए।
- बिहार में चंपारण सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलनों ने गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम को एक नया दिशा दी।
7. स्वतंत्रता के बाद (1947-प्रस्तुत)
- मुख्य बदलाव:
- 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद बिहार को एक स्वतंत्र राज्य के रूप में पहचान मिली।
- बिहार आंदोलन और सामाजिक न्याय आंदोलन के जरिए बिहार में राजनीतिक और सामाजिक बदलाव आए।
- आज भी बिहार अपने ऐतिहासिक धरोहर को संजोते हुए डिजिटल और औद्योगिक विकास के लिए अग्रसर हो रहा है।